वित्त मंत्रालय ने नई पेंशन स्कीम में सुधार के लिए गठित की समिति - KRANTIKARI SAMVAD

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Friday, April 7, 2023

वित्त मंत्रालय ने नई पेंशन स्कीम में सुधार के लिए गठित की समिति



वित्त मंत्रालय ने नई पेंशन स्कीम में सुधार करने के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति स्थापित करने की घोषणा कर दी है। समिति में कार्मिक लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय के सचिवव्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन फंड नियमन व विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बतौर सदस्य होंगे।

वित्त मंत्रालय ने नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) में सुधार करने के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति स्थापित करने की घोषणा कर दी है। समिति में कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन फंड नियमन व विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष बतौर सदस्य होंगे।

समिति गठित करने की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पिछले दिनों की थी, जिस पर अमल की घोषणा गुरुवार को की गई है। समिति को कहा गया है कि वह नई पेंशन स्कीम के मौजूदा फ्रेमवर्क और ढांचे के संदर्भ में बदलाव की सिफारिश करे। समिति को नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन लाभ को और आकर्षक बनाने के लिए सुझाव देने को कहा गया है। लेकिन इस बात का ख्याल रखने को कहा गया है कि उसके सुझावों का आम जनता के हितों व बजटीय अनुशासन पर कोई विपरीत असर न हो।

उल्लेखनीय बात यह है कि समिति कब रिपोर्ट देगी, इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। समिति राज्यों से बात करने के बाद अपनी सिफारिशें देगी। सनद रहे कि पेंशन का मुद्दा पिछले कुछ वर्षों में एक अहम राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को मिली जीत में पुरानी पेंशन स्कीम की बड़ी भूमिका मानी जाती है। हालांकि, अर्थशास्त्री पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को अर्थव्यवस्था के लिहाज से अव्यवहारिक और खतरनाक बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नई पेंशन स्कीम को रद करके इसकी जगह पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का राजनीतिक तीर चल चुकी है।

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी ऐसा ही कदम उठाया है। महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि पेंशन व्यवस्था को लेकर विचार किया जा रहा है। राजनीतिक दबाव कुछ ऐसा बन रहा है कि लगभग सभी राज्यों में किसी न किसी तरह बदलाव की बात की जा रही है। माना जा रहा है कि वर्ष 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस की तरफ से मौजूदा नई पेंशन स्कीम को रद करके उसकी जगह पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने के वादे पर जोर दिया जाएगा।

इस बढ़ती राजनीतिक सरगर्मी को देखकर ही वित्त मंत्री की तरफ से सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू मौजूदा एनपीएस में बदलाव करने पर समिति गठित की गई है। माना जा रहा है कि समिति राज्यों से मशविरा करेगी और लिखित रूप में उनके विचार लिए जा सकते हैं। अर्थव्यवस्था को देखते हुए उनसे यह भी पूछा जा सकता है कि अगर ओपीएस लागू करते हैं तो उसका रोडमैप क्या होगा।

पुरानी पेंशन योजना

पहले की इस व्यवस्था में यह गारंटी थी कि कर्मचारी को सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन मिलेगी। इसलिए कर्मचारी को इस बात की चिंता नहीं होती थी कि सेवानिवृत्त होने के बाद खर्च के लिए बचत करनी होगी।मासिक पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं।
जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) की सुविधा।
सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी की अंतिम बेसिक सैलरी के 50 प्रतिशत तक पेंशन मिलती है।
कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेगा तो भी पूरी पेंशन मिलेगी।
सरकार की ओर से देय महंगाई भत्ता वृद्धि की सुविधा और वेतन आयोग के सुधार लागू।
सेवानिवृत्त होने पर जीपीएफ के ब्याज पर आयकर नहीं लगता।
40 प्रतिशत पेंशन कंप्यूटेशन का प्रविधान
नई पेंशन योजना

इस योजना के तहत कटने वाली राशि इक्विटी मार्केट और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की जाती है। लंबी अवधि में इक्विटी मार्केट में तेजी एनपीएस के पक्ष में है, लेकिन अल्पकालिक अस्थिरता की आशंका भी है।

पेंशन के लिए प्रतिमाह वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती।
नियोक्ता का 14 प्रतिशत तक योगदान।
जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा नहीं।
सेवानिवृत्ति के समय निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर 20 प्रतिशत नकद और 80 प्रतिशत राशि पेंशन पर देने का प्रविधान।
सेवानिवृत्ति पर जो पैसा मिलेगा, उस पर कर देना होगा।
पेंशन कंप्यूटेशन का प्रविधान नहीं।

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