ईरान ने स्वीडिश-ईरानी आरोपी को दी फांसी, 2018 में सैन्य परेड पर किया था हमला
ईरान ने स्वीडिश-ईरानी आरोपी को दी फांसी, 2018 में सैन्य परेड पर किया था हमला; 25 लोगों की हुई थी मौत
ईरान ने शनिवार को एक स्वीडिश-ईरानी आरोपी को फांसी दे दी। इस आरोपी पर 2018 में एक सैन्य परेड पर हमला करने का आरोप लगाया गया था, जिसमें लगभग 25 लोग मारे गए थे।
इसके अलावा, इस आरोपी पर एक अरब अलगाववादी समूह का नेतृत्व करने का आरोप भी लगाया गया था। आरोपी की पहचान हबीब फराजुल्लाह चाब के तौर पर की गई है। ईरान के सख्त कानून में इस अपराध के लिए आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई जाती है।
स्वीडन ने ईरान से किया था अनुरोध
ईरान ने 2020 में कहा कि उसके सुरक्षा बलों ने चाब को पड़ोसी तुर्की में हिरासत में लिया और उसके पकड़े जाने का विवरण दिए बिना उसे तेहरान ले जाया गया। स्वीडिश विदेश मंत्री टोबियास बिलस्ट्रॉम ने चाब की फांसी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ईरान से ऐसा न करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, "मौत की सजा एक अमानवीय और अपरिवर्तनीय सजा है और स्वीडन, यूरोपीय संघ के बाकी हिस्सों के साथ इस आवेदन की निंदा करता है।"
ईरान में अल्पसंख्यकों से होता है भेदभाव
स्वीडन ने चाब के मामले पर चिंता व्यक्त की थी। दरअसल, दोनों देशों के बीच के संबंधों में खटास पहले से है। ईरान के अपने जातीय अल्पसंख्यकों के साथ तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, जिनमें अरब, कुर्द, अजरबैजान और बलूच शामिल हैं और उन पर पड़ोसी देशों के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाया है। अरब और अन्य अल्पसंख्यकों ने लंबे समय से ईरान में भेदभाव का सामना करने की शिकायत की है, जिस आरोप से तेहरान इनकार करता है।
ईरान में बेहद सख्त है कानून
ईरान अपन सख्त कानून के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां पर अधिकतर अपराधों में आरोपी को मौत की सजा सुनाई जाती है। कई अपराधों के लिए आरोपियों को लोगों के बीच ही सजा दी जाती है, ताकि उससे दूसरों को भी सबक मिल सके। हालांकि, कहा जा सकता है कि उस देश में अपराध काफी हद तक कम है।
ईरान ने शनिवार को एक स्वीडिश-ईरानी आरोपी को फांसी दे दी। इस आरोपी पर 2018 में एक सैन्य परेड पर हमला करने का आरोप लगाया गया था, जिसमें लगभग 25 लोग मारे गए थे।
इसके अलावा, इस आरोपी पर एक अरब अलगाववादी समूह का नेतृत्व करने का आरोप भी लगाया गया था। आरोपी की पहचान हबीब फराजुल्लाह चाब के तौर पर की गई है। ईरान के सख्त कानून में इस अपराध के लिए आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई जाती है।
स्वीडन ने ईरान से किया था अनुरोध
ईरान ने 2020 में कहा कि उसके सुरक्षा बलों ने चाब को पड़ोसी तुर्की में हिरासत में लिया और उसके पकड़े जाने का विवरण दिए बिना उसे तेहरान ले जाया गया। स्वीडिश विदेश मंत्री टोबियास बिलस्ट्रॉम ने चाब की फांसी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ईरान से ऐसा न करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, "मौत की सजा एक अमानवीय और अपरिवर्तनीय सजा है और स्वीडन, यूरोपीय संघ के बाकी हिस्सों के साथ इस आवेदन की निंदा करता है।"
ईरान में अल्पसंख्यकों से होता है भेदभाव
स्वीडन ने चाब के मामले पर चिंता व्यक्त की थी। दरअसल, दोनों देशों के बीच के संबंधों में खटास पहले से है। ईरान के अपने जातीय अल्पसंख्यकों के साथ तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, जिनमें अरब, कुर्द, अजरबैजान और बलूच शामिल हैं और उन पर पड़ोसी देशों के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाया है। अरब और अन्य अल्पसंख्यकों ने लंबे समय से ईरान में भेदभाव का सामना करने की शिकायत की है, जिस आरोप से तेहरान इनकार करता है।
ईरान में बेहद सख्त है कानून
ईरान अपन सख्त कानून के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां पर अधिकतर अपराधों में आरोपी को मौत की सजा सुनाई जाती है। कई अपराधों के लिए आरोपियों को लोगों के बीच ही सजा दी जाती है, ताकि उससे दूसरों को भी सबक मिल सके। हालांकि, कहा जा सकता है कि उस देश में अपराध काफी हद तक कम है।
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