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Sunday, August 6, 2023

'हिंदी का गुलाम नहीं बनेंगे', तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गृह मंत्री शाह के बयान पर जताई आपत्ति

 'हिंदी का गुलाम नहीं बनेंगे', तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गृह मंत्री शाह के बयान पर जताई आपत्ति


तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि हम हिंदी का गुलाम नहीं बनेंगे। गृह मंत्री शाह ने हिंदी को स्वीकार करने पर बयान दिया था जिसपर सीएम स्टालिन का यह बयान आया है और उन्होंने शाह के बयान की निंदा की है। गृह मंत्री शाह ने कहा था कि हिंदी को बिना विरोध के स्वीकार किया जाना चाहिए।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने की गृह मंत्री शाह के बयान की निंदा।
 

HIGHLIGHTSहिंदी को स्वीकारने पर गृह मंत्री शाह ने दिया था बयान।
गृह मंत्री शाह के बयान की सीएम स्टालिन ने निंदा की।
सीएम स्टालिन ने गृह मंत्री शाह को बताई वजह।


चेन्नई, एएनआई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि हम हिंदी का गुलाम नहीं बनेंगे। गृह मंत्री शाह ने हिंदी को स्वीकार करने पर बयान दिया था, जिसपर सीएम स्टालिन का यह बयान आया है और उन्होंने शाह के बयान की निंदा की है।

गृह मंत्री शाह ने क्या दिया था बयान?

बता दें कि शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने नई दिल्ली में आधिकारिक भाषा पर संसद की समिति की 38वीं बैठक की अध्यक्षता की थी। बैठक के दौरान शाह ने कहा कि हिंदी को बिना विरोध के स्वीकार किया जाना चाहिए, भले ही स्वीकृति की गति धीमी हो।

इसके साथ ही गृह मंत्री शाह ने कहा कि हिंदी का अन्य भाषाओं से प्रतिस्पर्धा में नहीं है और सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने से ही देश सशक्त होगा।
सीएम स्टालिन ने जताई आपत्ति

सीएम एमके स्टालिन ने ट्वीट किया

मैं हिंदी स्वीकृति के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की कड़ी निंदा करता हूं। यह गैर-हिंदी भाषियों को अपने अधीन करने का एक प्रयास है। तमिलनाडु किसी भी प्रकार के हिंदी आधिपत्य और थोपने को अस्वीकार करता है। हमारी भाषा और विरासत हमें परिभाषित करती है, हम हिंदी के गुलाम नहीं होंगे।'

स्टालिन ने 'हिंदी थोपने' का किया विरोध

ने गृह मंत्री शाह से कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हिंदी को थोपे जाने के विरोध पर ध्यान दिलाया। एमके स्टालिन ने कहा कि कर्नाटक, पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्य भी हिंदी थोपे जाने का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री जी कृपया बढ़ते प्रतिरोध पर ध्यान दें। साथ ही उन्होंने कहा कि 1965 के हिंदी विरोधी आंदोलन की चिंगारी को भड़काना एक मूर्खतापूर्ण कदम होगा।

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