G20 Summit: पीएम मोदी ने जहां किया विदेशी नेताओं का स्वागत, वहां है कोणार्क चक्र
Konark Chakra in G20 पीएम मोदी जब सभी नेताओं का स्वागत करते हुए उनसे हाथ मिला रहे थे तो उनके पीछे दिख रहा ओडिशा का कोणार्क व्हील चर्चा का विषय बन गया। कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था। यही चक्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अपनाया गया है और यह भारत के प्राचीन ज्ञान और उन्नत सभ्यता का प्रतीक है।
HIGHLIGHTSG20 समिट की आज शुरुआत।
प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों का पीएम मोदी ने किया स्वागत।
स्वागत स्थल पर मौजूद ओडिशा का कोणार्क चक्र चर्चा का विषय बना।
नई दिल्ली, एजेंसी। Konark Chakra in G20 जी20 शिखर सम्मेलन की थोड़ी देर में शुरुआत होने जा रही है। सम्मेलन की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया। इस बीच पीएम मोदी जब सभी नेताओं का स्वागत करते हुए उनसे हाथ मिला रहे थे तो उनके पीछे दिख रहा ओडिशा का कोणार्क व्हील (कोणार्क चक्र) चर्चा का विषय बन गया।
क्यों खास है कोणार्क चक्र
कोणार्क चक्र (G20 Konark Chakra) का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था। यही चक्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अपनाया गया है और यह भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का प्रतीक है।
घूमता हुआ कोणार्क चक्र, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है। यह लोकतंत्र के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया जाता है, जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बाइडन के साथ कोणार्क चक्र पर हुई बातचीत
पीएम मोदी ने आज जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का स्वागत किया तो उनसे हाथ मिलाने के बाद पीएम कोणार्क चक्र के बारे में बताते हुए भी दिखे। बाइडन काफी ध्यान से पीएम की बात सुनते दिखे।
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