कलेक्ट्रेट कर्मी की आत्महत्या : ब्राह्मण समाज के बाद कांग्रेस ने भी उठाया मसला, रायपुर कलेक्टर को हटाने की रखी मांग - KRANTIKARI SAMVAD

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Friday, November 1, 2024

कलेक्ट्रेट कर्मी की आत्महत्या : ब्राह्मण समाज के बाद कांग्रेस ने भी उठाया मसला, रायपुर कलेक्टर को हटाने की रखी मांग

 कलेक्ट्रेट कर्मी की आत्महत्या : ब्राह्मण समाज के बाद कांग्रेस ने भी उठाया मसला, रायपुर कलेक्टर को हटाने की रखी मांग


छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कलेक्ट्रेट में पदस्थ कर्मचारी प्रदीप उपाध्याय की आत्महत्या का मामला गरमाने लगा है। ब्राह्मण समाज के बाद अब कांग्रेस पार्टी भी इस मसले पर मुखर हो गई है। कांग्रेस ने रायपुर कलेक्टर को हटाने की मांग की है।


कलेक्ट्रेट रायपुर के कर्मचारी प्रदीप उपाध्याय द्वारा सुसाइड करने की घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस ली। कांग्रेस नेताओं ने रायपुर कलेक्टर को हटाने की मांग की है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, प्रदेश में अलग- अलग समाजों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, पहले सतनामी, फिर साहू, अब ब्राह्मण समाज को प्रताड़ित किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि, कलेक्ट्रेट रायपुर की तहसील शाखा में पदस्थ कर्मचारी प्रदीप उपाध्याय ने अपने तीन अफसरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली। उनहोंन सुसाइड नोट लिख छोड़ा है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, लगातार कई जिलों में कस्टोडियल डेथ हो रही है। यह निकम्मी सरकार है, इन्हें पद में बने रहने का हक नहीं है। वहीं इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, प्रदीप उपाध्याय को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। इसकी जानकारी उन्होंने कलेक्टर को भी दी थी। कलेक्टर ने फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की, इस मामले में कलेक्टर को हटाया जाना चाहिए। श्री बैज ने कहा कि, जो कलेक्टर अपने कर्मचारी को न्याय नहीं दे सकता, वो आम लोगों को क्या न्याय देगा।

धान खरीदना नहीं चाहती सरकार : बघेल

पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व सीएम श्री बघेल ने धान खरीदी भी कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा- धान खरीदी पर गिरदावरी के लिए कर्मचारियों को झोंक दिए हैं। धान की बंपर पैदावार हुई है, उसे खरीदने से सरकार डर रही है। सरकार धान नहीं खरीदने का बहाना बनाना शुरू कर चुकी है। श्री बघेल ने कहा कि, खेती से जुड़ा दूसरा आदेश भी तानाशाही से कम नहीं है। सरकार कह रही है रबी फसल में धान की बुआई नहीं कर सकते। घरेलू उपभोक्ता, कृषि पंपों को बिजली नहीं देने की व्यवस्था सरकार कर रही है। कृषि केंद्रों से धान बीज नहीं बेचने का मौखिक आदेश दिया गया है। फिर भी धान की बुआई करने पर 50 हजार जुर्माना की बात कही गई है। यह आदेश तानाशाही है, इसे वापस लेना चाहिए।

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