सीरिया में 340 से अधिक अल्पसंख्यकों की हत्या, हजारों लोग घर छोड़कर भागे; क्यों दमन कर रही सरकार?
सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का समर्थन करने वाले लोगों के साथ टकराव के बीच सुरक्षा बलों और उनके सहयोगियों ने हाल के दिनों में 300 से अधिक अलावी नागरिकों को मार डाला है। गुरुवार को हिंसक घटनाओं के बाद भूमध्यसागरीय तटीय क्षेत्र में एक बड़ा जवाबी अभियान शुरू किया गया। हजारों अलावी और ईसाई जान जाने के डर से घर छोड़कर भाग गए हैं।

सीरियाई सुरक्षा बलों और संबद्ध बंदूकधारियों ने गुरुवार से तटीय क्षेत्र में रहने वाले अलावी अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं और बच्चों सहित 340 से अधिक लोगों की हत्या कर दी है। यह जानकारी एक प्रमुख युद्ध निगरानी संस्था के प्रमुख ने दी है।
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के रामी अब्दुलरहमान ने कहा कि सीरिया के अलावी गढ़ में जाबलेह, बनियास और आसपास के इलाकों में व्यापक हत्याएं 13 साल पुराने गृहयुद्ध में वर्षों की सबसे भीषण हिंसा है।
सुरक्षा बलों के कई जवान मारे गएनए सत्तारूढ़ प्राधिकार ने पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के समर्थकों द्वारा किए जा रहे नए विद्रोह को कुचलने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं। एक सीरियाई सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि भीषण संघर्ष में सुरक्षा बलों के कई जवान मारे गए हैं।
अधिकारियों ने ऑपरेशन के दौरान उल्लंघन की बात स्वीकार की है। बड़े पैमाने इस कथित हिंसा ने सत्ता में आई नई सरकार की शासन की क्षमता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। इसमें एक गांव में दर्जनों अलावी लोगों को फांसी देने की खबरें शामिल हैं।
अंतरिम राष्ट्रपति ने दमन का किया समर्थनसीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद शरा ने शुक्रवार देर रात दमन का समर्थन करते हुए कहा था कि सुरक्षा बलों को किसी को भी प्रतिक्रिया में अतिशयोक्ति करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए क्योंकि जो चीज हमें दुश्मन से अलग करती है, वह हमारे मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है।
उन्होंने कहा कि हम जब अपनी नैतिकता छोड़ देते हैं, तो हम और हमारा दुश्मन एक ही पक्ष में खड़े हो जाते हैं। नागरिकों और बंदियों के साथ बुरा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।
रक्षा मंत्रालय और आंतरिक सुरक्षा एजेंसी ने शनिवार को कहा कि तटीय क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बहाल करने और नागरिकों के खिलाफ किसी भी तरह के हमले को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। तटीय क्षेत्र के छह निवासियों ने कहा कि गुरुवार से हजारों अलावी और ईसाई जान जाने के डर से घर छोड़कर भाग गए हैं।
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