खराब हवा को लेकर रहें सतर्क, सांस की नली में बढ़ सकता है सूजन का जोखिम, गर्मी में जरूर बरतें ये सावधानी
एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। वायुमार्ग में सूजन से श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है और अस्थमा जैसी गंंभीर बीमारी हो सकती है। अमेरिका के जांस हापकिंस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में बताया कि जैसे-जैसे पृथ्वी का वायुमंडल गर्म होता जा रहा है सापेक्ष आर्द्रता समान बनी हुई है। लेखकों ने लिखा पानी का वाष्पीकरण वायुमार्ग की बलगम परतों को पतला करता है।

शुष्क हवा को बिल्कुल भी हल्के में न लें, ग्लोबल वार्मिंग के कारण शुष्क हवा के संपर्क में आने से सांस की नली में निर्जलीकरण और सूजन का जोखिम बढ़ सकता है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। वायुमार्ग में सूजन से श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है और अस्थमा जैसी गंंभीर बीमारी हो सकती है।
अमेरिका के जांस हापकिंस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में बताया कि जैसे-जैसे पृथ्वी का वायुमंडल गर्म होता जा रहा है, सापेक्ष आर्द्रता समान बनी हुई है। पानी के लिए हवा की ‘प्यास’ का एक माप ‘वाष्प दाब घाटा’ तेजी से बढ़ सकता है। सापेक्ष आर्द्रता किसी दिए गए तापमान पर हवा में मौजूद नमी की अधिकतम मात्रा है।
तेजी से भाप बनाएगा पानी रिसर्चर ने कहा कि वाष्प दाब घाटा जितना अधिक होगा, हवा की प्यास उतनी ही अधिक होगी और इस प्रकार पानी अधिक तेजी से भाप बनाएगा, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र निर्जलित हो जाएगा। जांस हापकिंस विश्वविद्यालय में मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर और जर्नल कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य
लेखक डेविड एडवर्ड्स ने कहा, यह समझना है कि शुष्क हवा के संपर्क में आने पर वायुमार्ग कैसे निर्जलित होते हैं, हमें प्रभावी व्यवहार के परिवर्तनों और निवारक या चिकित्सीय हस्तक्षेपों द्वारा निर्जलीकरण के प्रभाव से बचने या उलटने में मदद कर सकता है।
लेखकों ने लिखा, पानी का वाष्पीकरण वायुमार्ग की बलगम परतों को पतला करता है और ज्वारीय (आराम से) सांस लेने के दौरान उपकला कोशिकाओं को संकुचित करता है। उन्होंने पाया कि शुष्क हवा के संपर्क में आने वाले सेल्स में बलगम पतला होता है और सेल्स में सूजन का संकेत देने वाले साइटोकिन्स या प्रोटीन का उच्च स्तर होता है।
इसके परिणाम टीम की सैद्धांतिक भविष्यवाणियों के अनुरूप थे कि शुष्क वायु वातावरण के संपर्क में आने पर बलगम पतला हो जाता है, जिससे सूजन को तेज करने के लिए पर्याप्त संपीड़न पैदा होता है।
इसके अलावा रिसर्चर ने स्वस्थ चूहों और वायुमार्ग में पहले से मौजूद सूखेपन वाले चूहों को जो आमतौर पर पुरानी श्वसन बीमारियों में देखा जाता है, उन्हें एक सप्ताह तक रुक-रुक कर शुष्क हवा में रखा गया।
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