'परेशान न करे पुलिस', तलाक विवाद के बीच पति ने लगाई याचिका; मद्रास हाई कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश
चेन्नई की एक कंपनी रिप्लिंग के को-फाउंडर शंकरनारायणन ने अपनी पत्नी से तलाक विवाद के बीच पुलिस पर परेशान करने के आरोप लगाए हैं। कोर्ट में याचिका दायर कर उन्होंने ये आरोप लगाए। याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने पुलिस को ये निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता को ऐसे परेशान न किया जाए। साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

HIGHLIGHTSरिप्लिंग के को-फाउंडर ने पुलिस पर लगाए आरोप
मद्रास हाई कोर्ट ने चेन्नई पुलिस को दिए निर्देश
पति ने सोशल मीडिया पर पत्नी के बारे में किया पोस्ट
मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने चेन्नई पुलिस (Chennai Police) को ये आदेश दिया है कि वह सॉफ्टवेयर कंपनी रिप्लिंग (Rippling) के को-फाउंडर प्रसन्ना शंकरनारायणन को उनकी पत्नी के साथ चल रहे तलाक के मामले को लेकर अनावश्यक रूप से परेशान न करे।
शंकरनारायणन की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जी.के. इलंथिरैयन ने भारतीय नागरिक संहिता की धारा 528 के तहत यह निर्देश जारी किया है।
शंकरनारायणन ने सोशल मीडिया पर पत्नी पर लगाए गंभीर आरोप
बता दें, शंकरनारायणन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक थ्रेड में अपनी पत्नी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। रिप्लिंग के को-फाउंडर ने ये दावा किया था कि उनकी पत्नी ने झूठी शिकायतें दर्ज कराई है और उन्हें यौन अपराधी के रूप में प्रस्तुत किया है।
साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी पर ये भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने ये झूठा आरोप लगाया है कि वह अमेरिका में किसी वेश्यावृत्ति से जुड़े मामले में शामिल है।
शंकरनारायणन ने पुलिस पर लगाए आरोप
वरिष्ठ अधिवक्ताओं ए. रमेश और गीता लूथरा की ओर से प्रस्तुत की गई याचिका में शंकरनारायणन ने 24 मार्च को कोर्ट से गुहार लगाई थी कि पुलिस उनकी पत्नी के कहने पर उन्हें और उनके परिवार को लगातार परेशान कर रही है।
याचिका में बताया गया कि 7 से लेकर 12 मार्च के बीच चेन्नई के विभिन्न स्थानों पर, जैसे होटल और रेंटल अपार्टमेंट में पुलिस ने बलपूर्वक उनके बेटे को उनसे छीनने की कोशिश की। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बेंगलुरु में उनकी मां और उनके एक दोस्त को पुलिस ने परेशान किया और उनसे बेटे को सौंपने की मांग की।
याचिका में शंकरनारायणन की ओर से कहा गया है कि ये सारी कार्रवाई उनकी पत्नी द्वारा लगाई गई झूठी शिकायतों के आधार पर हो रही है। जिससे वह, उनका परिवार और उनके करीबी दोस्त भी प्रभावित हो रहे हैं।
कानूनी दस्तावेजों में क्या है उल्लेख?
कानूनी दस्तावेजों की बात करें, तो उसमें ये बात लिखी है कि दोनों के बीच एक समझौता हुआ था और दोनों आपसी सहमति से तलाक ले रहे हैं। साथ ही बेटे की संयुक्त कस्टडी पर भी दोनों राजी हुए थे।
शंकरनारायणन की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जी.के. इलंथिरैयन ने भारतीय नागरिक संहिता की धारा 528 के तहत यह निर्देश जारी किया है।
शंकरनारायणन ने सोशल मीडिया पर पत्नी पर लगाए गंभीर आरोप
बता दें, शंकरनारायणन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक थ्रेड में अपनी पत्नी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। रिप्लिंग के को-फाउंडर ने ये दावा किया था कि उनकी पत्नी ने झूठी शिकायतें दर्ज कराई है और उन्हें यौन अपराधी के रूप में प्रस्तुत किया है।
साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी पर ये भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने ये झूठा आरोप लगाया है कि वह अमेरिका में किसी वेश्यावृत्ति से जुड़े मामले में शामिल है।
शंकरनारायणन ने पुलिस पर लगाए आरोप
वरिष्ठ अधिवक्ताओं ए. रमेश और गीता लूथरा की ओर से प्रस्तुत की गई याचिका में शंकरनारायणन ने 24 मार्च को कोर्ट से गुहार लगाई थी कि पुलिस उनकी पत्नी के कहने पर उन्हें और उनके परिवार को लगातार परेशान कर रही है।
याचिका में बताया गया कि 7 से लेकर 12 मार्च के बीच चेन्नई के विभिन्न स्थानों पर, जैसे होटल और रेंटल अपार्टमेंट में पुलिस ने बलपूर्वक उनके बेटे को उनसे छीनने की कोशिश की। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बेंगलुरु में उनकी मां और उनके एक दोस्त को पुलिस ने परेशान किया और उनसे बेटे को सौंपने की मांग की।
याचिका में शंकरनारायणन की ओर से कहा गया है कि ये सारी कार्रवाई उनकी पत्नी द्वारा लगाई गई झूठी शिकायतों के आधार पर हो रही है। जिससे वह, उनका परिवार और उनके करीबी दोस्त भी प्रभावित हो रहे हैं।
कानूनी दस्तावेजों में क्या है उल्लेख?
कानूनी दस्तावेजों की बात करें, तो उसमें ये बात लिखी है कि दोनों के बीच एक समझौता हुआ था और दोनों आपसी सहमति से तलाक ले रहे हैं। साथ ही बेटे की संयुक्त कस्टडी पर भी दोनों राजी हुए थे।
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