आज से टैरिफ लागू करेंगे डोनाल्ड ट्रंप, भारत पर क्या होगा असर; शेयर बाजार में मची खलबली - KRANTIKARI SAMVAD

Breaking

Post Top Ad

Wednesday, April 2, 2025

आज से टैरिफ लागू करेंगे डोनाल्ड ट्रंप, भारत पर क्या होगा असर; शेयर बाजार में मची खलबली

 आज से टैरिफ लागू करेंगे डोनाल्ड ट्रंप, भारत पर क्या होगा असर; शेयर बाजार में मची खलबली


अमेरिका बुधवार से दुनियाभर के लिए अपना जवाबी टैरिफ लागू करने जा रहा है। इसका असर भारत समेत दुनियाभर पर पड़ेगा। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के बहुप्रतीक्षित टैरिफ कुछ लोगों की अपेक्षा से पहले ही लागू होने जा रहे हैं। दो अप्रैल देर रात या गुरुवार सुबह अमेरिका की तरफ से पारस्परिक शुल्क लागू कर दिए जाएंगे।


अमेरिका बुधवार से दुनियाभर के लिए अपना जवाबी टैरिफ लागू करने जा रहा है। इसका असर भारत समेत दुनियाभर पर पड़ेगा। इसकी आहट से भारतीय शेयर बाजार भी अछूता नहीं रहा और मंगलवार को सेंसेक्स लगभग 1400 अंकों तक लुढ़क गया और एनएसई के निफ्टी में 353 अंक की गिरावट दिखी। इसके असर से बचने के लिए भारत सरकार ने अपना कवच तैयार कर लिया है।

व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान

व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के बहुप्रतीक्षित टैरिफ कुछ लोगों की अपेक्षा से पहले ही लागू होने जा रहे हैं। पूर्व घोषणा के अनुसार दो अप्रैल देर रात या गुरुवार सुबह अमेरिका की तरफ से पारस्परिक शुल्क लागू कर दिए जाएंगे। इससे भारत के व्यापार पर पड़ने वाले असर को ध्यान में रखते हुए वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय अपनी रणनीति की घोषणा करेगा।

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलान किया था कि अमेरिका अलग-अलग देशों द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ के बराबर टैरिफ ही लगाएगा। दो अप्रैल को मुक्ति दिवस बताते आ रहे ट्रंप ने दावा किया था कि भारत अपने टैरिफ में काफी कमी करने जा रहा है।

ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को लेकर कही ये बात

ट्रंप ने कहा, ''कुछ समय पहले ही मैंने सुना है कि भारत अपने टैरिफ को काफी कम करने जा रहा है। मैंने पूछा क्यों कोई इसे पहले नहीं कम रहा था। कई और देश भी अपना टैरिफ कम करने जा रहे हैं। ईयू ने कारों पर पहले ही ढाई प्रतिशत टैरिफ कम कर दिया है।''

ट्रंप के बयान और उनकी तरफ से अब तक की कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए जवाबी टैरिफ का लगना तय माना जा रहा है। भारत फिलहाल जवाबी टैरिफ के तीन प्रभावों को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति पर काम कर रहा है और परिस्थितियों के अनुसार जिस रणनीति की जरूरत होगी, तीन अप्रैल को वैसी ही घोषणा की जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।

भारत को टैरिफ से कोई नुकसान नहीं

सूत्रों के मुताबिक ट्रंप का जवाबी टैरिफ अगर सेक्टर के हिसाब से होगा तो भारत की रणनीति अलग होगी और तब शायद भारत को इससे कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि जिन वस्तुओं का भारत निर्यात करता है, उन वस्तुओं का निर्यात अमेरिका नहीं करता है।

जवाबी टैरिफ का दूसरा तरीका देश के कुल व्यापार के आधार पर हो सकता है। यहां पर भारत को अलग नीति अपनानी पड़ सकती है, क्योंकि भारत अमेरिका के मुकाबले लगभग 36 अरब डॉलर का अधिक निर्यात करता है और इसकी भरपाई ट्रंप सरकार करना चाहेगी।

लोकसभा में एक जवाब में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को पारस्परिक रूप से फायदेमंद और निष्पक्ष बनाने के लिए चर्चा जारी रखे हुए है। उद्योगों को मौजूदा आपूर्ति श्रृंखलाओं पर टैरिफ के असर से पड़ने वाले नए अवसरों की पहचान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

जवाबी टैरिफ से फिलहाल व्यापार पर कोई असर नहीं

सूत्रों के मुताबिक पारस्परिक शुल्क किसी भी रूप में लगने पर फिलहाल भारत के निर्यात पर इसका असर नहीं होगा, क्योंकि अचानक दो देशों के बीच सप्लाई चेन ठप नहीं होती है। दूसरी बात है कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर वार्ता को आगे बढ़ाने पर काम शुरू हो गया है। इसके पहले चरण को इस साल तक पूरा कर लिया जाना है। ऐसे में भारत के पास अमेरिका के हिसाब से अपने शुल्क को कम या बढ़ाने का समय मिल जाएगा।

आखिर क्या चाहता है अमेरिका

अमेरिका चाहता है कि भारतीय बाजार में माल भेजने पर लगने वाले शुल्क में अच्छी कटौती की जाए। अमेरिका बार-बार भारत को अधिक शुल्क वसूलने वाला देश मानता है। अमेरिका भारत में अपनी टेक कंपनियों पर लगने वाले शुल्क व डाटा को भारत से बाहर नहीं जाने देने की नीति को भी व्यापार में बाधा मानता है।

भारत के क्वालिटी कंट्रोल नियम, बौद्धिक संपदा नियमों को लेकर भी अमेरिका को आपत्ति है। अमेरिका भारत में डेरी उत्पादों को भी बेचना चाहता है, लेकिन अमेरिका के पशुचारे में मांसाहार पदार्थों के उपयोग से भारत इसकी इजाजत नहीं दे सकता है। अमेरिका चाहता है कि भारतीय मछुआरे मछली मारने के लिए ऐसे कांटे और जाल का इस्तेमाल करें, जिनमें कछुए नहीं फंसे।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक सहभागी
सूत्रों के मुताबिक द्विपक्षीय बातचीत के द्वारा इनमें से कई मसलों का हल निकल सकता है। भारत अमेरिका के बाजार को कभी खोना नहीं चाहेगा, क्योंकि भारत के वस्तु निर्यात में 20 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी अमेरिका की है और अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक सहभागी है। पिछले छह-सात सालों में दोनों देशों के बीच व्यापार दोगुना हो गया है और अमेरिका ने वर्ष 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को 500 अरब डालर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है।

अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भारत लगाता है 100 प्रतिशत टैरिफ
व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भारत 100 प्रतिशत टैरिफ लगाता है। अन्य देशों द्वारा लगाए जाने वाले ऊंचे टैरिफ के चलते यह उन राष्ट्रों में अमेरिकी उत्पादों को निर्यात करना तकरीबन असंभव बना देता है। ये सभी देश काफी लंबे समय से अमेरिका को नुकसान पहुंचा रहे थे।

20 प्रतिशत आयात टैरिफ की सिफारिश
ट्रंप के सहयोगियों ने एक योजना का मसौदा तैयार किया है, जिसमें अमेरिका में आयात होने वाले अधिकांश उत्पादों पर 20 प्रतिशत टैरिफ की सिफारिश की गई है। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, एक-एक को निशाना बनाकर टैरिफ लगाने की बजाय ट्रंप के सहयोगी एक ऐसी योजना लागू किए जाने की सिफारिश कर रहे हैं जिससे तकरीबन हर देश से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ को 20 प्रतिशत कर दिया जाए।

उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कही ये बात
अमेरिकी सरकार का मानना है कि नए टैरिफ से इसके पास छह लाख करोड़ डॉलर आ जाएंगे, जिन्हें अमेरिकी नागरिकों को छूट के रूप में दिया जा सकता है। भारत की टैरिफ नीतिकेंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि देश की टैरिफ नीति का लक्ष्य व्यापार को विनियमित करना, घरेलू उद्योगों की रक्षा और आयातित और निर्यातित उत्पादों पर कर लगाकर राजस्व पैदा करना है।

भारत मुक् व्यापार समझौते की तरफ बढ़ रहा है
बदलते व्यापारिक परिदृश्य के साथ भारत मुक्त व्यापार समझौते की तरफ बढ़ रहा है जहां पर्याप्त व्यापार पर सीमा शुल्क और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम या समाप्त किया जा सकता है। भारत के टैरिफ कम करने का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ाना और अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता को बेहतर बनाना है।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages